Thursday, 22 August 2013

विक्रम वेताल





राजन 
आज पूरा देश खामोश क्यों है?
दफा भी शून्य में कायम 
क्यों नहीं जला रहे हैं कैंडल 
इंडिया गेट पर?
रात लोगों को नींद आ रही है? 

पुलिस साक्ष्य तलाश रही है?
थोड़ा समय दो
जोड़ घटाव का
लोगो का भ्रम टूटने से
राजनैतिक संकट उत्पन्न होगा
चुनाव सामने है

बहन जी कहती हैं
वो हर पल साथ थी
तब भी ........
संदेह क्यों?

संत कभी दोषी नहीं होते?
बड़ी दुकानदारी है?
छोटे लेन देन का हिसाब
मुंशी से सलटा लो?
लड़की नाबालिग है?
कुछ भी बोल सकती है?

किसने बुलाया था आश्रम?
आश्रम में कौन था?
कौन सिद्ध करेगा?
यह सत्यवादी का कर्म स्थल है?
नाबालिगों की
हत्या, अनाचार
कदापि न ही?

राजन
आज लोकतंत्र की हत्या होगी?
धर्म की आड़ में बच जायेगा पाखण्डी?
धरा रह जायेगा न्याय
ये दामिनी कहाँ
न आरोपी बस कंडक्टर

साक्ष्य मिटने दो
नये साक्ष्य गढ़ने दो
फिर बैठायेंगे आयोग
आज तेवर बदल गये हैं?
समाज और मेरे भी?

जानते नहीं वो कौन है?
और कितने लोगों का प्रश्रय प्राप्त है?
मुह संभाल कर


22 अगस्त 2013 
समर्पित उस जनमानस को 
जो कायर की भांति भीड़ का हिस्सा बनते है 
सत्य के समर्थक नहीं। 

9 comments:

  1. बहुत सुन्दर रचना @ हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच} के शुभारंभ पर आप को आमंत्रित किया जाता है। कृपया पधारें आपके विचार मेरे लिए "अमोल" होंगें | आपके नकारत्मक व सकारत्मक विचारों का स्वागत किया जायेगा |

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. बहुत सुन्दर रचना..

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  3. राजन कुछ नही करेंगे, विक्रम बेताल का संवाद इस संसार के रहने तक चलता रहेगा, दामिनी को शत शत नमन.

    रामराम.

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  4. सच्चाई का वर्णन -लाजवाब तरीके से

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  5. आश्रम ठगी और गुंडाराज का अड्डा था,अब बच्चियों कों खाने वाला नरभक्षी ..भी
    डॉ अजय

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  6. बहुत तीखे सवाल पूछ लिए आपने , पर अफ़सोस ये अनुत्तरित ही रह जायेंगे ......

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  7. बहुत तीखे सवाल पूछ लिए आपने , पर अफ़सोस ये अनुत्तरित ही रह जायेंगे ......

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  8. इस बार राजन उत्तर न देकर बेताल को ही निगल जायेगा ...जाने बेताल ने ऐसा प्रश्न क्यूँ पूछ लिया ! खैर हमें क्या हम तो भीड़ हैं हमारा कोई क्या बिगाड़ लेगा ....

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