यूँ जो टूटा वो तन्हा होता ही है
जो तोड़ा वो तन्हा हो जाता है
समझने और समझाने में सपने टूट जाते हैं
बैठो संग, चलें कुछ दूर, शायद पास आ जायें
झुकाकर आँख दिल में झांकना तेरी अदा है
ज़रा देखूं ला मेरा नाम पंखुड़ी में लिखा है
दफ़न यादों में सब कुछ देख कोई शिकवा गिला है
सहेजा मान मर्यादा फिर बिखरा सिमटा मिला है
24.10. 2012
चित्र गूगल से साभार
झुकाकर आँख दिल में झांकना तेरी अदा है
ReplyDeleteज़रा देखूं ला मेरा नाम पंखुड़ी में लिखा है
वाह , शानदार मनमोहक रचना
झुकाकर आँख दिल में झांकना तेरी अदा है
ReplyDeleteज़रा देखूं ला मेरा नाम पंखुड़ी में लिखा है
dil me utar gaya, wah! mere naya post http://vichar-anubhuti.blogspot.in
विजयादशमी की शुभकामनाएं । मेरे नए पोस्ट पर आपका हार्दिक स्वागत है। धन्यवाद।
ReplyDeletesundar rachna
ReplyDeleteअच्छा है :)
ReplyDeleteसमझने और समझाने में सपने टूट जाते हैं
ReplyDeleteबैठो संग, चलें कुछ दूर, शायद पास आ जायें
यही बयान करती मेरी पोस्ट
चार दिन ज़िन्दगी के .......
बस यूँ ही चलते जाना है !!
padiyega
बहुत खूब!
ReplyDeleteदूर से ही देखिये अपना नाम -जमाना खराब है :-)
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