Monday, 6 August 2012

नजरिया


यात्रा में पुत्री ने कहा
पिताजी
हां बिटिया
ऐयर होस्टेस हमें देखकर
क्यों मुस्कुरा रही थी?
ऐसा बिटिया

टेक्सी वाले ने क्यों पूछा
साब कैसे होटल में ले चलूं?
पापा
वेटर हमें तिरछी नजरों से
क्यों देख रहा था?

बाबूजी
दवार्इ दुकानदार ने बिना पूछे
क्यों कहा किस कंपनी का दूं?
साब लेटेस्ट आया है
दूं क्या साब?

पिता ने पुत्री से कहा
कौन जानता है हमें यहां
तुम्हारे और मेरे अतिरिक्त
हम पिता.पुत्री हैं

मुझे ऐसा प्रतीत होता है
आज सभी रिश्तों को
घुन सी लग गर्इ है
चढ़ा दिया है सबने इसे
एक ही तराजू के पलड़े पर

शायद लोगों का
नजरिया बदल गया
या हमारे चलने का ढ़ग
कहीं ऐसा तो नहीं
बदल गया चलन

06.08.2012
चित्र गूगल से साभार

14 comments:

  1. शायद लोगों का
    नजरिया बदल गया
    या हमारे चलने का ढ़ग
    कहीं ऐसा तो नहीं
    बदल गया चलन

    सच कहा.....हमारी सोच और हमारा नज़रिया....हद से ज़्यादा गिरता जा रहा है और इस सब के जिम्मेदार भी हम ही हैं।

    सादर

    ReplyDelete
  2. शायद लोगों का
    नजरिया बदल गया
    या हमारे चलने का ढ़ग
    कहीं ऐसा तो नहीं
    बदल गया चलन

    यथार्थ के धरातल पर रची गयी एक सार्थक अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  3. शायद लोगों का
    नजरिया बदल गया
    या हमारे चलने का ढ़ग
    कहीं ऐसा तो नहीं
    बदल गया चलन

    बहुत ही सारगर्भित ....

    ReplyDelete
  4. ये लक्षण है पतन का।

    ReplyDelete
  5. मानव मन की जटिलता सम्बंधनों विशेष कर विपरीत लिंगियो के बीच सम्बंधनों के देखने के इतने चश्मे उपलब्ध कराती है कि एक भ्रम पैदा करती है.विभ्भिन,समाज,परंपरा ,रूढ़ियाँ ,भौगोलिक क्षेत्र और कालखंड के इतने वैविध्य के साथ हमारे सामने आते है कि ये कभी एक समान और प्रासंगिक नहीं होते.सो इस पर न आश्चर्य करें नाही प्रश्न न खड़े करे

    नजरिया बदल गया या चलन

    ReplyDelete
  6. bahut badhiya ....ye soch hai sabhi ki apni-apni

    ReplyDelete
  7. अंदर तक दहला गयी ये पोस्ट...

    ReplyDelete
  8. कहाँ से कहाँ पहुँच गया है ज़माना - बहुत प्रभावशाली कविता!

    ReplyDelete
  9. I was very encouraged to find this site. I wanted to thank you for this special read. I definitely savored every little bit of it and I have bookmarked you to check out new stuff you post.

    ReplyDelete
  10. I was very encouraged to find this site. I wanted to thank you for this special read. I definitely savored every little bit of it and I have bookmarked you to check out new stuff you post.

    ReplyDelete
  11. Good efforts. All the best for future posts. I have bookmarked you. Well done. I read and like this post. Thanks.

    ReplyDelete
  12. Thanks for showing up such fabulous information. I have bookmarked you and will remain in line with your new posts. I like this post, keep writing and give informative post...!

    ReplyDelete
  13. The post is very informative. It is a pleasure reading it. I have also bookmarked you for checking out new posts.

    ReplyDelete
  14. Thanks for writing in such an encouraging post. I had a glimpse of it and couldn’t stop reading till I finished. I have already bookmarked you.

    ReplyDelete