ख्वाब तेरे हों या मेरे ये सदा होते ही हैं पुरे
बस इसे अंजाम तक हो हौसला ले जाने का
हमने सुना है प्यार में खरा रोकड़ा ही चलता है
भला बतलायें प्यार भी कभी उधार में मिलता है?
अचानक अनायास जुड़ जाते हैं हादसे हमसे
करें प्रेम की बारिस बादल आसमां पे छायेंगे
रहेगा आँगन ये हरा भरा हर दिन
बादल गरजेंगे नहीं बरसना होगा
दिल से जब दर्द का यूँ गुबार छंट जाता है
खुद ब खुद अपनों पे प्यार छलक जाता है
याद और चाहतें बनाये रखिये ये ख्वाब हकीकत में बदल जाते हैं
आरजू पाक रखें इन्सां अल्लाह रंग दिल के पन्नों पे उतर आते हैं
रंज ओ गम के हालात में कौन कहाँ दिखता है ?
दर्द दिल के बयां करने को शब्द कहाँ मिलता है ?
19.08. 2012
चित्र गूगल से साभार
याद और चाहतें बनाये रखिये ये ख्वाब हकीकत में बदल जाते हैं
ReplyDeleteआरजू पाक रखें इन्सां अल्लाह रंग दिल के पन्नों पे उतर आते हैं
बहुत खूब
सादर
बहुत अच्छी पोस्ट। मरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।
ReplyDeleteप्यार का अर्थ बताते हुए,,,एक सार्थक कृति...|
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है,,समय मिलें तो बस एक झलक-
"मन के कोने से..."
आभार...|
शब्दातीत :-)
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