Saturday 18 August 2012

हकीकत


ख्वाब तेरे हों या मेरे ये सदा होते ही हैं पुरे
बस इसे अंजाम तक हो हौसला ले जाने का


हमने सुना है प्यार में खरा रोकड़ा  ही चलता है
भला बतलायें प्यार भी कभी उधार में मिलता है?


अचानक अनायास  जुड़ जाते हैं हादसे हमसे
करें प्रेम की बारिस बादल आसमां पे छायेंगे

रहेगा आँगन ये हरा भरा हर दिन
बादल गरजेंगे नहीं बरसना होगा



दिल से जब दर्द का यूँ गुबार छंट जाता है
खुद ब खुद अपनों पे प्यार छलक जाता है



याद और चाहतें बनाये रखिये ये ख्वाब हकीकत में बदल जाते हैं
आरजू पाक रखें इन्सां अल्लाह रंग दिल के  पन्नों पे उतर आते हैं


रंज ओ गम के हालात में कौन कहाँ दिखता है ?
दर्द दिल के बयां करने को शब्द कहाँ मिलता है ?

19.08. 2012
चित्र गूगल से साभार  

4 comments:

  1. याद और चाहतें बनाये रखिये ये ख्वाब हकीकत में बदल जाते हैं
    आरजू पाक रखें इन्सां अल्लाह रंग दिल के पन्नों पे उतर आते हैं


    बहुत खूब


    सादर

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  2. बहुत अच्छी पोस्ट। मरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है।

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  3. प्यार का अर्थ बताते हुए,,,एक सार्थक कृति...|

    मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है,,समय मिलें तो बस एक झलक-
    "मन के कोने से..."
    आभार...|

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