राही नाव चलाये
माझी जावे पार
भक्त अर्पन के लिये
प्रतिमा लाये हार
पानी आग लगाये
ज्योत बुझाये प्यास
गंगा प्यासे से मांगे
गंगाजल की धार
दुश्मन प्रीत बढ़ाये
मीत करे दिल चाक
जीवन मृत्यु से मांगे
पल दो पल का प्यार
25/03/1978
परम मित्र रमाकांत झा जी को समर्पित
चित्र गूगल से साभार